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निर्गमन 25:23-28पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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23 तू बबूल की लकड़ी से एक मेज़ भी बनाना।+ उसकी लंबाई दो हाथ, चौड़ाई एक हाथ और ऊँचाई डेढ़ हाथ हो।+ 24 मेज़ को शुद्ध सोने से मढ़ना और उसके चारों तरफ सोने का एक नक्काशीदार किनारा बनाना। 25 फिर उस किनारे के साथ-साथ मेज़ के चारों तरफ एक पट्टी भी बनाना। उस पट्टी की चौड़ाई चार अंगुल* हो। पट्टी के नीचे सोने का एक नक्काशीदार किनारा बनाना। 26 मेज़ के लिए सोने के चार कड़े बनाना और उन्हें मेज़ के चारों कोनों पर उस जगह लगाना जहाँ उसके चार पाए जुड़े हों। 27 ये कड़े मेज़ की पट्टी के बिलकुल पास हों ताकि उनके अंदर वे डंडे डाले जाएँ जिनके सहारे मेज़ उठायी जाएगी। 28 तू ये डंडे बबूल की लकड़ी से बनाना और उन पर सोना मढ़ना। इन डंडों के सहारे ही मेज़ उठायी जाएगी।
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