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निर्गमन 37:10-15पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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10 फिर उसने बबूल की लकड़ी से एक मेज़ बनायी।+ उसकी लंबाई दो हाथ, चौड़ाई एक हाथ और ऊँचाई डेढ़ हाथ थी।+ 11 उसने मेज़ को शुद्ध सोने से मढ़ा और उसके चारों तरफ सोने का एक नक्काशीदार किनारा बनाया। 12 फिर उस किनारे के साथ-साथ मेज़ के चारों तरफ एक पट्टी भी बनायी। उस पट्टी की चौड़ाई चार अंगुल* थी। पट्टी के नीचे सोने का एक नक्काशीदार किनारा बनाया। 13 मेज़ के लिए उसने सोने के चार कड़े ढालकर बनाए और उन्हें मेज़ के चारों कोनों पर उस जगह लगाया जहाँ उसके चार पाए जुड़े हुए थे। 14 ये कड़े मेज़ की पट्टी के बिलकुल पास लगाए गए ताकि उनके अंदर वे डंडे डाले जाएँ जिनके सहारे मेज़ उठायी जाती। 15 फिर उसने बबूल की लकड़ी से वे डंडे बनाए जिनके सहारे मेज़ उठायी जाती और उन पर सोना मढ़ा।
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