14 उन्होंने उनका जीना मुश्किल कर दिया। उन्होंने उनसे मिट्टी का गारा और ईंट बनाने का काम करवाया और मैदानों में भी उनसे हर तरह की गुलामी करवायी। इस तरह मिस्रियों ने उनसे बुरे-से-बुरे हालात में कड़ी मज़दूरी करायी।+
7 फिर यहोवा ने उससे कहा, “मैंने बेशक देखा है कि मिस्र में मेरे लोग कितनी दुख-तकलीफें झेल रहे हैं। मैंने उनका रोना-बिलखना सुना है क्योंकि मिस्र में उनसे जबरन मज़दूरी करवायी जा रही है। मैं अपने लोगों का दुख अच्छी तरह समझ सकता हूँ।+