13 ज़रा अपने सेवक अब्राहम, इसहाक और इसराएल को याद कर। तूने अपनी शपथ खाकर उनसे कहा था, ‘मैं तुम्हारे वंश को इतना बढ़ाऊँगा कि वह आसमान के तारों जैसा अनगिनत हो जाएगा।+ और यह सारा देश मैं तुम्हारे वंश को दूँगा जो मैंने उसके लिए तय किया है ताकि यह देश हमेशा के लिए उसकी जागीर हो जाए।’”+