21 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “मैंने तुझे जितने भी चमत्कार करने की शक्ति दी है, तू मिस्र लौटने पर फिरौन के सामने वे सारे चमत्कार ज़रूर करना।+ फिर भी फिरौन मेरे लोगों को जाने नहीं देगा,+ क्योंकि मैं उसके दिल को कठोर होने दूँगा।+
22 मिस्र के जादू-टोना करनेवाले पुजारियों ने भी अपनी जादुई कला से वैसा ही चमत्कार किया।+ इसलिए फिरौन का दिल कठोर ही बना रहा। उसने मूसा और हारून की बात नहीं मानी, ठीक जैसे यहोवा ने कहा था।+
15 अब जैसे ही फिरौन ने देखा कि मुसीबत टल गयी है, उसने अपना दिल कठोर कर लिया।+ उसने मूसा और हारून की बात मानने से इनकार कर दिया, ठीक जैसे यहोवा ने कहा था।
19 तब जादू-टोना करनेवाले पुजारियों ने फिरौन से कहा, “यह ज़रूर परमेश्वर की शक्ति* से हुआ है!”+ मगर फिरौन का दिल कठोर ही बना रहा। उसने मूसा और हारून की बात मानने से इनकार कर दिया, ठीक जैसे यहोवा ने कहा था।
12 मगर इस कहर के बावजूद फिरौन का दिल कठोर बना रहा और यहोवा ने उसे कठोर ही रहने दिया। फिरौन ने मूसा और हारून की बात नहीं मानी, ठीक जैसे यहोवा ने मूसा से कहा था।+
10 मूसा और हारून ने फिरौन के देखते ये सारे चमत्कार किए,+ मगर फिरौन का दिल कठोर बना रहा और यहोवा ने उसे कठोर ही रहने दिया। फिरौन ने इसराएलियों को अपने देश से नहीं जाने दिया।+
17 इसलिए कि शास्त्रवचन फिरौन के बारे में कहता है, “मैंने तुझे इसलिए ज़िंदा छोड़ा है ताकि तेरे मामले में अपनी शक्ति दिखाऊँ और पूरी धरती पर अपने नाम का ऐलान करा सकूँ।”+18 तो फिर, परमेश्वर जिस पर चाहे उस पर दया दिखाता है मगर जिसे चाहे उसे ढीठ होने देता है।+