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निर्गमन 37:17-24पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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17 फिर उसने शुद्ध सोने की एक दीवट बनायी।+ उसने सोने के एक ही टुकड़े को पीटकर पूरी दीवट यानी उसका पाया, उसकी डंडी, फूल, कलियाँ और पंखुड़ियाँ बनायीं।+ 18 दीवट की डंडी पर छ: डालियाँ थीं, डंडी के एक तरफ तीन और दूसरी तरफ तीन। 19 हर डाली पर बादाम के फूल जैसे तीन फूलों की बनावट थी। फूलों के बीच एक कली और एक पंखुड़ी की रचना थी। इस तरह की रचनाएँ दीवट की डंडी से निकलनेवाली छ: की छ: डालियों पर थीं। 20 दीवट की डंडी पर बादाम के फूल जैसे चार फूलों की बनावट थी और फूलों के बीच एक कली और एक पंखुड़ी थी। 21 दीवट की डंडी के जिस हिस्से से डालियों का पहला जोड़ा निकला उसके नीचे एक कली जैसी रचना थी। इसी तरह, जहाँ से डालियों का दूसरा और तीसरा जोड़ा निकला, उसके नीचे भी एक-एक कली जैसी रचना थी। दीवट की डंडी से निकलनेवाली छ: डालियों के नीचे ये रचनाएँ थीं। 22 शुद्ध सोने के एक ही टुकड़े को हथौड़े से पीटकर कलियाँ, डालियाँ और पूरी दीवट बनायी गयी। 23 उसने दीवट के लिए शुद्ध सोने से सात दीए,+ चिमटे और आग उठाने के करछे बनाए। 24 उसने दीवट और उसके साथ इस्तेमाल होनेवाली सारी चीज़ें एक तोड़े* शुद्ध सोने से बनायीं।
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