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निर्गमन 38:9-15पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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9 फिर उसने पवित्र डेरे के लिए एक आँगन बनाया।+ उसने आँगन के चारों तरफ घेरा बनाने के लिए बटे हुए बढ़िया मलमल से कनातें तैयार कीं। दक्षिण में कनातों की कुल लंबाई 100 हाथ थी।+ 10 कनातों को लगाने के लिए 20 खंभे और ताँबे की 20 खाँचेदार चौकियाँ थीं। इन खंभों के अंकड़े और उनके छल्ले चाँदी के थे। 11 उत्तर की कनातों की कुल लंबाई भी 100 हाथ थी। उन्हें लगाने के लिए 20 खंभे और ताँबे की 20 खाँचेदार चौकियाँ थीं। इन खंभों के अंकड़े और उनके छल्ले चाँदी के थे। 12 मगर पश्चिम की कनातों की कुल लंबाई 50 हाथ थी। इन कनातों को लगाने के लिए दस खंभे और दस खाँचेदार चौकियाँ थीं। इन खंभों के अंकड़े और उनके छल्ले चाँदी के थे। 13 पूरब यानी जहाँ सूरज उगता है, वहाँ की चौड़ाई 50 हाथ थी। 14 वहाँ आँगन के द्वार के दायीं तरफ की कनातें 15 हाथ लंबी थीं। उनके लिए तीन खंभे और तीन खाँचेदार चौकियाँ थीं। 15 आँगन के द्वार के बायीं तरफ की कनातें भी 15 हाथ लंबी थीं। उनके लिए तीन खंभे और तीन खाँचेदार चौकियाँ थीं।
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