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निर्गमन 27:9-15पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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9 तू पवित्र डेरे के लिए एक आँगन बनाना।+ आँगन के चारों तरफ बटे हुए बढ़िया मलमल की कनातों से एक घेरा बनाना। दक्षिण में कनातों की कुल लंबाई 100 हाथ होगी।+ 10 कनातों को लगाने के लिए 20 खंभे होने चाहिए। ये खंभे ताँबे की 20 खाँचेदार चौकियों पर बिठाए जाएँगे। इन खंभों के अंकड़े और उनके छल्ले चाँदी के होने चाहिए। 11 उत्तर की कनातों की कुल लंबाई भी 100 हाथ होगी। उन्हें लगाने के लिए 20 खंभे होंगे जिन्हें ताँबे की 20 खाँचेदार चौकियों पर बिठाया जाएगा। इन खंभों के अंकड़े और उनके छल्ले भी चाँदी के होने चाहिए। 12 पश्चिम की तरफ आँगन की चौड़ाई के लिए कनातों की कुल लंबाई 50 हाथ होनी चाहिए। कनातों को लगाने के लिए दस खंभे होने चाहिए और ये खंभे दस खाँचेदार चौकियों पर बिठाए जाएँगे। 13 पूरब की तरफ, जहाँ सूरज उगता है, आँगन की चौड़ाई 50 हाथ हो। 14 वहाँ आँगन के द्वार के दायीं तरफ की कनातें 15 हाथ लंबी होंगी। उनके लिए तीन खंभे और तीन खाँचेदार चौकियाँ होंगी।+ 15 आँगन के द्वार के बायीं तरफ की कनातें भी 15 हाथ लंबी होंगी। उनके लिए तीन खंभे और तीन खाँचेदार चौकियाँ होंगी।
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