5 जब भी तुम यहोवा को शांति-बलि अर्पित करते हो,+ तो बलि इस तरह अर्पित करना कि तुम परमेश्वर की मंज़ूरी पा सको।+ 6 जिस दिन तुम बलि देते हो, उस दिन और उसके अगले दिन तुम्हें उसका गोश्त खाना चाहिए। अगर तीसरे दिन तक कुछ बच जाता है तो उसे आग में जला देना चाहिए।+