25 परमेश्वर ने मसीह को बलिदान के तौर पर दे दिया+ ताकि मसीह के खून पर विश्वास करने से+ पापों का प्रायश्चित* हो। ऐसा उसने खुद को नेक साबित करने के लिए किया क्योंकि बीते ज़माने में उसने लोगों के पापों को बरदाश्त किया और उन्हें माफ करता रहा।
2 उन्हें परमेश्वर हमारे पिता ने भविष्य के बारे में पहले से जानने की अपनी काबिलीयत का इस्तेमाल करके चुना है+ और वे पवित्र शक्ति से पवित्र ठहराए गए हैं+ ताकि आज्ञा माननेवाले बनें और उन पर यीशु मसीह का खून छिड़का जाए।+
तुम पर परमेश्वर की महा-कृपा और शांति और भी बढ़कर हो।
7 लेकिन अगर हम रौशनी में चल रहे हैं जैसा वह खुद भी रौशनी में है, तो हम ज़रूर एक-दूसरे के साथ साझेदार हैं और उसके बेटे यीशु का खून हमारे सभी पापों को धोकर हमें शुद्ध करता है।+
5 तुम्हें यीशु मसीह की तरफ से भी महा-कृपा और शांति मिले जो “विश्वासयोग्य साक्षी,”+ “मरे हुओं में से ज़िंदा होनेवालों में पहलौठा”+ और “धरती के राजाओं का राजा” है।+
यीशु जो हमसे प्यार करता है+ और जिसने अपने खून के ज़रिए हमें पापों से छुड़ाया+