28 और तू यहोशू को अगुवा ठहरा+ और उसकी हिम्मत बँधा और उसे मज़बूत कर क्योंकि वही इन लोगों के आगे-आगे चलकर यरदन पार करेगा+ और उस देश को उनके अधिकार में कर देगा जो तू देखनेवाला है।’
14 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “देख, अब वह समय आ गया है जब तेरी मौत हो जाएगी।+ इसलिए यहोशू को बुला और तुम दोनों भेंट के तंबू के आगे हाज़िर होना।* फिर मैं उसे अगुवा ठहराऊँगा।”+ तब मूसा और यहोशू जाकर भेंट के तंबू के सामने हाज़िर हुए।
23 फिर उसने* नून के बेटे यहोशू को अगुवा ठहराया+ और उससे कहा, “तू हिम्मत से काम लेना और हौसला रखना,+ क्योंकि तू ही इसराएलियों को उस देश में ले जाएगा जिसके बारे में मैंने उनसे शपथ खायी थी।+ और मैं हमेशा तेरे साथ रहूँगा।”