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निर्गमन 30:1-3पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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30 तू धूप जलाने के लिए एक वेदी बनाना।+ इसे बबूल की लकड़ी से तैयार करना।+ 2 वेदी चौकोर होनी चाहिए, लंबाई एक हाथ,* चौड़ाई एक हाथ और ऊँचाई दो हाथ होनी चाहिए। वेदी के कोनों को उभरा हुआ बनाकर सींग का आकार देना।+ 3 पूरी वेदी को यानी उसके ऊपरी हिस्से, उसके बाज़ुओं और सींगों को शुद्ध सोने से मढ़ना। और वेदी पर चारों तरफ सोने का एक नक्काशीदार किनारा बनाना।
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