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उत्पत्ति 41:51, 52पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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51 यूसुफ ने अपने पहलौठे का नाम मनश्शे*+ रखा क्योंकि उसने कहा, “परमेश्वर की दया से मैंने अपने सारे गम और अपने पिता के घर की सभी यादें भुला दी हैं।” 52 यूसुफ ने अपने दूसरे बेटे का नाम एप्रैम*+ रखा क्योंकि उसने कहा, “जिस देश में मैंने तकलीफें झेलीं, उसी देश में परमेश्वर ने मुझे फलने-फूलने की आशीष दी है।”+
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उत्पत्ति 48:17-19पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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17 जब यूसुफ ने देखा कि उसके पिता ने अपना दायाँ हाथ एप्रैम के सिर पर रखा है, तो उसे बुरा लगा। इसलिए उसने उसका दायाँ हाथ एप्रैम के सिर से हटाकर मनश्शे के सिर पर रखने की कोशिश की। 18 उसने अपने पिता से कहा, “नहीं, नहीं, मेरे पिता, पहलौठा वह नहीं यह है।+ इस पर अपना दायाँ हाथ रख।” 19 मगर यूसुफ का पिता उसकी बात मानने से इनकार करता रहा। उसने कहा, “मैं जानता हूँ बेटे, मैं जानता हूँ। इससे भी एक बड़ी और महान जाति बनेगी। मगर इसका यह छोटा भाई इससे भी महान होगा+ और इसके वंश के लोग इतने बेशुमार होंगे कि वे कई जातियों के बराबर होंगे।”+
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