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व्यवस्थाविवरण 1:27, 28पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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27 तुम अपने-अपने तंबू में कुड़कुड़ाते रहे और कहते रहे, ‘यहोवा हमसे नफरत करता है, इसीलिए वह हमें मिस्र से निकालकर यहाँ ले आया ताकि हमें एमोरियों के हवाले कर दे और वे हमें नाश कर दें। 28 हाय! हम कैसे देश में जा रहे हैं? हमारे भाई जो उस देश को देख आए हैं वे कहते हैं, “उस देश के लोग हमसे कहीं ज़्यादा ताकतवर हैं, बहुत लंबे-चौड़े हैं। उनके शहर बहुत बड़े-बड़े हैं और शहरपनाह इतनी ऊँची हैं कि आसमान से बातें करती हैं।+ हमने वहाँ अनाकी लोगों+ को देखा है।” यह सब सुनकर हमारी हिम्मत टूट गयी है।’+
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