20 तुम पहले फल में से कुछ अनाज दरदरा कूटना और उससे छल्ले जैसी रोटियाँ बनाकर दान करना।+ यह तुम उसी तरीके से दान करना जैसे तुम खलिहान से लाया हुआ अनाज दान करोगे।
30 तुम्हारी हर तरह की पहली उपज के सबसे बढ़िया फलों पर और तुम्हारे हर तरह के दान पर याजकों का हक होगा।+ साथ ही, तुम पहले फल का अनाज दरदरा कूटकर याजकों को देना।+ इससे तुम्हारे घराने पर आशीष बनी रहेगी।+