25 यह ऐसा ही है जैसा होशे की किताब में भी वह कहता है, “जो मेरे लोग नहीं थे,+ उन्हें मैं ‘अपने लोग’ कहूँगा और जो मेरी प्यारी नहीं थी, उसे ‘प्यारी’ कहूँगा+
11 इसलिए मैं पूछता हूँ, क्या उन्होंने इस तरह ठोकर खायी कि हमेशा के लिए गिर पड़ें? बेशक नहीं! मगर उनके गलत कदम उठाने से गैर-यहूदी लोगों को उद्धार मिला ताकि यहूदियों में जलन पैदा हो।+
10 क्योंकि एक वक्त ऐसा था जब तुम परमेश्वर के लोग नहीं थे, मगर अब उसके लोग हो।+ तुम ऐसे थे जिन पर दया नहीं की गयी थी, मगर अब ऐसे लोग हो जिन पर दया की गयी है।+