12 यहोवा ने अब मूसा से कहा, “तू यहाँ पहाड़ के ऊपर मेरे पास आ और यहीं रह। मैं तुझे पत्थर की पटियाएँ दूँगा जिन पर मैं अपना कानून और अपनी आज्ञाएँ लिखूँगा ताकि ये लोगों को सिखायी जाएँ।”+
18 परमेश्वर ने सीनै पहाड़ पर मूसा से ये सारी बातें कहने के फौरन बाद उसे गवाही की दो पटियाएँ दीं।+ ये पत्थर की पटियाएँ थीं जिन पर परमेश्वर ने अपनी उँगली से लिखा था।+
19 छावनी के पास पहुँचते ही जब मूसा ने देखा कि वहाँ एक बछड़े की मूरत है+ और लोग नाच-गा रहे हैं, तो वह आग-बबूला हो गया। उसने मारे गुस्से के दोनों पटियाएँ ज़मीन पर पटक दीं और वे पटियाएँ पहाड़ के नीचे चूर-चूर हो गयीं।+
34फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “तू पत्थर काटकर अपने लिए दो पटियाएँ बनाना जो पहली पटियाओं जैसी हों।+ उन पर मैं वे शब्द लिखूँगा जो मैंने पहली पटियाओं पर लिखे थे,+ जिन्हें तूने चूर-चूर कर डाला था।+