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व्यवस्थाविवरण 24:14, 15पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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14 तू किसी भी दिहाड़ी के मज़दूर के साथ बेईमानी न करना, फिर चाहे वह तेरा इसराएली भाई हो या तेरे शहरों में* रहनेवाला कोई परदेसी। तू ऐसे ज़रूरतमंद और गरीब को ठगना मत।+ 15 तू हर दिन की मज़दूरी उसे सूरज ढलने से पहले उसी दिन दे देना+ क्योंकि वह ज़रूरतमंद है और उसकी मज़दूरी से ही उसका गुज़ारा होता है। अगर तू उसकी मज़दूरी नहीं देगा तो वह तेरे खिलाफ यहोवा की दुहाई देगा और तू पाप का दोषी ठहरेगा।+
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