8 लोग मेम्ने का माँस 14वें दिन की रात को ही खाएँ।+ मेम्ना हलाल करने के बाद उसे आग में भून दिया जाए और उसे बिन-खमीर की रोटी+ और कड़वे साग के साथ खाया जाए।+
13 उन्होंने दस्तूर के मुताबिक फसह के बलि-पशु को आग में पकाया।*+ पवित्र चढ़ावे को उन्होंने हंडों, गोल पेंदे की हंडियों और डोंगों में पकाया और उसे जल्दी से बाकी सभी लोगों के पास ले आए।