24 फिर भी उसकी कमान नहीं डगमगायी,+ उसके हाथ मज़बूत बने रहे और फुर्ती से चलते रहे।+ इसके पीछे याकूब के शक्तिमान का हाथ था, उस चरवाहे का हाथ था जो इसराएल का पत्थर है।
16यूसुफ के वंशजों को चिट्ठियाँ डालकर ज़मीन का जो हिस्सा दिया गया,+ उसकी सरहद यरीहो के पास यरदन से शुरू होती थी और उन सोतों तक जाती थी जो यरीहो के पूरब में पड़ते थे। फिर यह सरहद यरीहो के सामने वीराने से होते हुए बेतेल के पहाड़ी प्रदेश तक पहुँचती थी।+