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  • उत्पत्ति 49
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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उत्पत्ति का सारांश

      • याकूब की भविष्यवाणी (1-28)

        • शीलो, यहूदा से निकलेगा (10)

      • अपने दफनाए जाने के बारे में निर्देश (29-32)

      • याकूब की मौत (33)

उत्पत्ति 49:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 6/2020, पेज 4

उत्पत्ति 49:3

फुटनोट

  • *

    या “संतान पैदा करने की शक्‍ति।”

संबंधित आयतें

  • +व्य 33:6
  • +उत 29:32; निर्ग 6:14; 1इत 5:1

उत्पत्ति 49:4

फुटनोट

  • *

    या “का अपमान किया था।”

संबंधित आयतें

  • +उत 35:22

उत्पत्ति 49:5

संबंधित आयतें

  • +उत 29:33, 34; 35:23
  • +उत 34:25

उत्पत्ति 49:6

फुटनोट

  • *

    या शायद, “मन का रुझान।”

संबंधित आयतें

  • +उत 34:7

उत्पत्ति 49:7

संबंधित आयतें

  • +उत 34:25
  • +यह 19:1; 21:41

उत्पत्ति 49:8

संबंधित आयतें

  • +उत 29:35; व्य 33:7
  • +उत 43:8, 9; 46:28; 1इत 5:2
  • +न्या 1:2
  • +गि 10:14; 2शम 5:3

उत्पत्ति 49:9

संबंधित आयतें

  • +प्रक 5:5

उत्पत्ति 49:10

फुटनोट

  • *

    मतलब “वह जिसका यह है; वह जो इसका हकदार है।”

संबंधित आयतें

  • +यश 9:6; यहे 21:27; लूक 1:32; इब्र 7:14
  • +गि 24:17; 2शम 2:4; 7:16, 17
  • +भज 2:8; यश 11:10; मत 2:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के करीब, पेज 192

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 33

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2011, पेज 9

    पेज 5-7

    1/15/2004, पेज 29

    10/1/2002, पेज 17-20

    ज्ञान, पेज 93

उत्पत्ति 49:13

संबंधित आयतें

  • +व्य 33:18, 19
  • +मत 4:13
  • +यह 19:10

उत्पत्ति 49:14

संबंधित आयतें

  • +व्य 33:18; 1इत 7:5

उत्पत्ति 49:16

संबंधित आयतें

  • +व्य 33:22
  • +न्या 13:2, 24; 15:20

उत्पत्ति 49:17

संबंधित आयतें

  • +न्या 14:19; 15:15

उत्पत्ति 49:19

संबंधित आयतें

  • +व्य 33:20
  • +यह 13:8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/1/2004, पेज 15

उत्पत्ति 49:20

फुटनोट

  • *

    या “खाने।”

संबंधित आयतें

  • +व्य 33:24
  • +1रा 4:7, 16

उत्पत्ति 49:21

संबंधित आयतें

  • +व्य 33:23
  • +मत 4:13, 15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2002, पेज 12

उत्पत्ति 49:22

संबंधित आयतें

  • +व्य 33:13-17

उत्पत्ति 49:23

संबंधित आयतें

  • +उत 37:5, 8; 40:15

उत्पत्ति 49:24

संबंधित आयतें

  • +उत 50:20
  • +यह 1:1, 6; न्या 11:32

उत्पत्ति 49:25

फुटनोट

  • *

    यानी यूसुफ।

संबंधित आयतें

  • +व्य 33:13

उत्पत्ति 49:26

संबंधित आयतें

  • +यह 17:14
  • +व्य 33:16

उत्पत्ति 49:27

संबंधित आयतें

  • +व्य 33:12
  • +न्या 20:15, 16; 1शम 9:16
  • +एस 2:5; 8:7

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    विश्‍वास की मिसाल, पेज 142

उत्पत्ति 49:28

संबंधित आयतें

  • +इब्र 11:21

उत्पत्ति 49:29

फुटनोट

  • *

    शा., “मैं अपने लोगों से मिलने पर हूँ।”

संबंधित आयतें

  • +उत 35:29; 49:33
  • +उत 23:17, 18

उत्पत्ति 49:31

संबंधित आयतें

  • +उत 23:2, 19; 25:9, 10; 35:29

उत्पत्ति 49:32

संबंधित आयतें

  • +उत 23:17, 18

उत्पत्ति 49:33

फुटनोट

  • *

    शा., “अपने लोगों में जा मिला।”

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 7:15

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

उत्प. 49:3व्य 33:6
उत्प. 49:3उत 29:32; निर्ग 6:14; 1इत 5:1
उत्प. 49:4उत 35:22
उत्प. 49:5उत 29:33, 34; 35:23
उत्प. 49:5उत 34:25
उत्प. 49:6उत 34:7
उत्प. 49:7उत 34:25
उत्प. 49:7यह 19:1; 21:41
उत्प. 49:8उत 29:35; व्य 33:7
उत्प. 49:8उत 43:8, 9; 46:28; 1इत 5:2
उत्प. 49:8न्या 1:2
उत्प. 49:8गि 10:14; 2शम 5:3
उत्प. 49:9प्रक 5:5
उत्प. 49:10यश 9:6; यहे 21:27; लूक 1:32; इब्र 7:14
उत्प. 49:10गि 24:17; 2शम 2:4; 7:16, 17
उत्प. 49:10भज 2:8; यश 11:10; मत 2:6
उत्प. 49:13व्य 33:18, 19
उत्प. 49:13मत 4:13
उत्प. 49:13यह 19:10
उत्प. 49:14व्य 33:18; 1इत 7:5
उत्प. 49:16व्य 33:22
उत्प. 49:16न्या 13:2, 24; 15:20
उत्प. 49:17न्या 14:19; 15:15
उत्प. 49:19व्य 33:20
उत्प. 49:19यह 13:8
उत्प. 49:20व्य 33:24
उत्प. 49:201रा 4:7, 16
उत्प. 49:21व्य 33:23
उत्प. 49:21मत 4:13, 15
उत्प. 49:22व्य 33:13-17
उत्प. 49:23उत 37:5, 8; 40:15
उत्प. 49:24उत 50:20
उत्प. 49:24यह 1:1, 6; न्या 11:32
उत्प. 49:25व्य 33:13
उत्प. 49:26यह 17:14
उत्प. 49:26व्य 33:16
उत्प. 49:27व्य 33:12
उत्प. 49:27न्या 20:15, 16; 1शम 9:16
उत्प. 49:27एस 2:5; 8:7
उत्प. 49:28इब्र 11:21
उत्प. 49:29उत 35:29; 49:33
उत्प. 49:29उत 23:17, 18
उत्प. 49:31उत 23:2, 19; 25:9, 10; 35:29
उत्प. 49:32उत 23:17, 18
उत्प. 49:33प्रेष 7:15
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
उत्पत्ति 49:1-33

उत्पत्ति

49 याकूब ने अपने सभी बेटों को बुलाया और कहा, “तुम सब मेरे पास इकट्ठा हो जाओ, मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ कि आगे चलकर तुम्हारे साथ क्या-क्या होगा। 2 याकूब के बेटो, तुम सब एक-साथ जमा हो जाओ और मेरी बात सुनो, अपने पिता इसराएल की बात सुनो।

3 रूबेन,+ तू मेरा पहलौठा है,+ मेरा दमखम, मेरी शक्‍ति* की पहली निशानी। तू सबसे बढ़कर गौरवशाली और ताकतवर है। 4 मगर तू औरों से आगे नहीं बढ़ पाएगा, क्योंकि तू उफनती लहरों की तरह बेकाबू हो जाता है और तू अपने पिता की सेज पर चढ़ गया।+ हाँ, तूने मेरी सेज दूषित कर दी थी।* वाकई, उसने कैसा काम किया!

5 शिमोन और लेवी भाई-भाई हैं।+ वे अपने हथियार से मार-काट मचाते हैं।+ 6 हे मेरे मन, उनके दल में शामिल मत हो। हे मेरे आदर,* उनकी टोली में मत मिल, क्योंकि उन्होंने गुस्से से भरकर आदमियों का कत्ल कर डाला+ और तमाशे के लिए बैलों की घुटनस काट दी। 7 धिक्कार है उनके गुस्से पर जो रहम से खाली है। धिक्कार है उनके क्रोध पर जो बहुत खूँखार है।+ मैं उन दोनों को याकूब के देश में बिखरा दूँगा, इसराएल में तितर-बितर कर दूँगा।+

8 हे यहूदा,+ तेरे भाई तेरी तारीफ करेंगे।+ तेरा हाथ तेरे दुश्‍मनों की गरदन पर होगा।+ तेरे पिता के बेटे तेरे आगे सिर झुकाएँगे।+ 9 यहूदा शेर का बच्चा है।+ मेरे बेटे, तू अपने शिकार को मारकर ही लौटेगा। यहूदा एक शेर की तरह ज़मीन पर पैर फैलाए लेटा है। किसकी मजाल कि उसे छेड़े? 10 जब तक शीलो* न आए,+ तब तक यहूदा के हाथ से राजदंड नहीं छूटेगा,+ न ही उसके पैरों के बीच से हाकिम की लाठी दूर होगी। देश-देश के लोग उसकी आज्ञा मानेंगे।+ 11 यहूदा अपने गधे को अंगूर की बेल से और अपनी गधी के बच्चे को बढ़िया अंगूर की बेल से बाँधेगा। वह अपने कपड़े दाख-मदिरा में और अपना बागा अंगूर के रस में धोएगा। 12 उसकी आँखें दाख-मदिरा पीने से लाल हैं और उसके दाँत दूध पीने से सफेद हैं।

13 जबूलून+ समुंदर किनारे बसेगा, हाँ, तट के पास जहाँ जहाज़ों का लंगर डाला जाता है+ और उसकी सरहद सीदोन तक फैली होगी।+

14 इस्साकार+ एक बलवान गधे की तरह है, जो ज़ीन में दोनों तरफ भारी बोझ लादे हुए भी आराम कर सकता है। 15 इस्साकार देखेगा कि उसके रहने की जगह बढ़िया है, उसके हिस्से की ज़मीन अच्छी है। वह बोझ उठाने के लिए अपना कंधा झुकाएगा और कड़ी मज़दूरी करने से पीछे नहीं हटेगा।

16 दान+ इसराएल का एक गोत्र होकर अपने जाति भाइयों का न्याय करेगा।+ 17 दान सड़क किनारे का साँप होगा, रास्ते का सींगवाला साँप जो घोड़े की एड़ी को ऐसा डसता है कि सवार पछाड़ खाकर गिर पड़ता है।+ 18 हे यहोवा, मैं उद्धार के लिए तेरी ही राह देखूँगा।

19 गाद+ पर लुटेरा-दल हमला करेगा, मगर वह उनका डटकर मुकाबला करेगा और उन्हें भगा-भगाकर मारेगा।+

20 आशेर+ के पास रोटी* की भरमार होगी और वह राजाओं के लायक बढ़िया-से-बढ़िया खाना मुहैया कराएगा।+

21 नप्ताली+ हिरनी जैसा फुर्तीला है। उसके बोल मनभावने हैं।+

22 यूसुफ+ एक फलदार पेड़ की टहनी है, उस फलदार पेड़ की जो एक सोते के किनारे लगा है और जिसकी लंबी-लंबी डालियाँ दीवार लाँघ जाती हैं। 23 मगर तीरंदाज़ यूसुफ को सताते रहे, उस पर तीर चलाते रहे और मन में उसके खिलाफ दुश्‍मनी पालते रहे।+ 24 फिर भी उसकी कमान नहीं डगमगायी,+ उसके हाथ मज़बूत बने रहे और फुर्ती से चलते रहे।+ इसके पीछे याकूब के शक्‍तिमान का हाथ था, उस चरवाहे का हाथ था जो इसराएल का पत्थर है। 25 वह* अपने पिता के परमेश्‍वर का दिया एक तोहफा है। वह सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर के साथ है। परमेश्‍वर उसकी मदद करेगा। वह उस पर आशीषों की बौछार करेगा, ऊपर आकाश की और नीचे गहरे सागर की आशीषें देगा।+ उसकी आशीष से उसकी बहुत-सी संतान होंगी और उसके जानवरों की बढ़ती होगी। 26 उसके पिता की ये आशीषें, युग-युग तक खड़े रहनेवाले पहाड़ों की उम्दा चीज़ों से बढ़कर होंगी और सदा कायम रहनेवाली पहाड़ियों की खूबसूरती से कहीं निराली होंगी।+ यूसुफ जो अपने भाइयों में से अलग किया गया है, उस पर ये आशीषें सदा बनी रहेंगी।+

27 बिन्यामीन+ एक भेड़िए की तरह अपने शिकार को फाड़ खाता रहेगा।+ सुबह वह अपना शिकार खाएगा और शाम को लूट का माल बाँटेगा।”+

28 ये सभी इसराएल के 12 गोत्र हैं और उनके पिता ने उन्हें आशीर्वाद देते वक्‍त यही सब कहा था। उसने हरेक को वैसा आशीर्वाद दिया जिसके वह योग्य था।+

29 इसके बाद याकूब ने अपने बेटों को ये आज्ञाएँ दीं: “देखो, अब मेरे मरने की घड़ी आ गयी है।*+ तुम मुझे उस गुफा में दफना देना जिसमें मेरे पुरखों को दफनाया गया था, उस गुफा में जो हित्ती एप्रोन की ज़मीन में है,+ 30 कनान देश में ममरे के पास मकपेला की ज़मीन में। यह ज़मीन अब्राहम ने हित्ती एप्रोन से खरीदी थी ताकि कब्र के लिए उसकी अपनी ज़मीन हो। 31 वहाँ अब्राहम और उसकी पत्नी सारा को और इसहाक और उसकी पत्नी रिबका को दफनाया गया था+ और वहीं मैंने लिआ को दफनाया था। 32 वह ज़मीन और उसमें जो गुफा है, उसे हित्ती लोगों से खरीदा गया था।”+

33 इस तरह याकूब ने अपने बेटों को ये हिदायतें दीं। इसके बाद वह अपने पलंग पर लेट गया और उसने आखिरी साँस ली और वह मर गया।*+

हिंदी साहित्य (1972-2025)
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