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भजन 34:उपरिलेख-22पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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दाविद का यह गीत उस समय का है जब दाविद ने अबीमेलेक के सामने पागल होने का ढोंग किया था+ और अबीमेलेक ने उसे भगा दिया था।
א [आलेफ ]
34 मैं हर समय यहोवा की तारीफ करूँगा,
उसकी तारीफ के बोल हमेशा मेरे होंठों पर होंगे।
ב [बेथ ]
ג [गिमेल ]
ד [दालथ ]
4 मैंने यहोवा से सलाह माँगी और उसने मुझे जवाब दिया।+
उसने मेरा सारा डर दूर कर दिया।+
ה [हे ]
5 उस पर आस लगानेवालों का चेहरा दमक उठा,
उन्हें कभी शर्मिंदा नहीं किया जा सकता।
ז [जैन ]
6 इस दुखी इंसान ने यहोवा को पुकारा और उसने सुना।
परमेश्वर ने उसे सारी मुसीबतों से बचाया।+
ח [हेथ ]
ט [टेथ ]
י [योध ]
כ [काफ ]
10 जवान ताकतवर शेर भी भूख से आधे हो गए हैं,
मगर यहोवा की खोज करनेवालों को अच्छी चीज़ की कमी नहीं होगी।+
ל [लामेध ]
מ [मेम ]
12 तुममें से कौन खुशहाल ज़िंदगी चाहता है?
कौन लंबी उम्र पाना चाहता है?+
נ [नून ]
ס [सामेख ]
ע [ऐयिन ]
פ [पे ]
צ [सादे ]
ק [कोफ ]
ר [रेश ]
ש [शीन ]
ת [ताव ]
21 दुष्ट पर मुसीबत मौत ले आएगी,
नेक जनों से नफरत करनेवाले दोषी ठहराए जाएँगे।
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