27 तब लाबान ने उससे कहा, “मैं तुझसे बिनती करता हूँ, तू मत जा, मेरे साथ ही रह। मैंने शकुन विचारकर* जाना है कि तेरी वजह से ही यहोवा मुझे इतनी आशीषें दे रहा है।”
5 जब से यूसुफ को उस मिस्री के घर का अधिकारी बनाया गया, तब से यहोवा यूसुफ की वजह से उसके घर पर आशीषें देने लगा। इसलिए चाहे घर में हो या बाहर, जो कुछ पोतीफर का था, उस पर यहोवा की आशीष बनी रही।+