43 तू मुझे मेरे अपने लोगों के विरोध से भी बचाएगा।+
मुझे राष्ट्रों का मुखिया बनाएगा।+
जिन लोगों को मैं जानता तक नहीं वे मेरी सेवा करेंगे।+
44 परदेसी मेरे बारे में बस एक खबर सुनकर मेरी आज्ञा मानेंगे,
डरते-काँपते मेरे सामने आएँगे।+
45 परदेसी हिम्मत हार जाएँगे,
अपने किलों से थरथराते हुए बाहर निकलेंगे।