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2 इतिहास 6:36-39पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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36 अगर वे तेरे खिलाफ पाप करें (क्योंकि ऐसा कोई भी इंसान नहीं जो पाप न करता हो)+ और तू क्रोध से भरकर उन्हें दुश्मनों के हवाले कर दे और दुश्मन उन्हें बंदी बनाकर किसी देश में ले जाएँ, फिर चाहे वह पास का देश हो या दूर का+ 37 और वहाँ जाने के बाद जब उन्हें अपनी गलती का एहसास हो और वे बँधुआई के देश में रहते तेरे पास लौट आएँ और तुझसे रहम की भीख माँगें और कहें, ‘हमने पाप किया है, हमने गुनाह किया है, हमने दुष्टता का काम किया है’+ 38 और वे बँधुआई के देश में रहते+ पूरे दिल और पूरी जान से तेरे पास लौट आएँ+ और अपने इस देश की तरफ मुँह करके तुझसे प्रार्थना करें जो तूने उनके पुरखों को दिया था और तेरे चुने हुए शहर की तरफ और इस भवन की तरफ, जो मैंने तेरे नाम की महिमा के लिए बनाया है, मुँह करके प्रार्थना करें+ 39 तो तू अपने निवास-स्थान स्वर्ग से उनकी प्रार्थना और कृपा की बिनती सुनना और उन्हें न्याय दिलाना।+ तू अपने लोगों के पाप माफ कर देना जो उन्होंने तेरे खिलाफ किए होंगे।
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