6 मैंने उससे कहा, “हे मेरे परमेश्वर, मैं इतना शर्मिंदा और लज्जित हूँ कि तुझसे बात करने की मुझमें हिम्मत नहीं। क्योंकि हमारे गुनाह बहुत बढ़ गए हैं और हमारा दोष बढ़ते-बढ़ते आसमान तक पहुँच गया है।+
6 इसलिए तेरा यह सेवक तेरे लोगों के लिए दिन-रात तुझसे जो बिनती कर रहा है, उस पर कान लगा और उसकी तरफ ध्यान दे।+ इसराएलियों ने तेरे खिलाफ पाप किया है और मैं उनके पाप तेरे सामने कबूल करता हूँ। हाँ, मैंने और मेरे पिता के घराने ने पाप किया है।+