व्यवस्थाविवरण 27:15 पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद 15 ‘शापित है वह इंसान जो मूरत तराशता है+ या धातु की मूरत* बनाता है+ और उसे छिपाकर रखता है, क्योंकि कारीगर* के हाथ की ऐसी रचना यहोवा की नज़र में घिनौनी है।’+ (तब जवाब में सब लोग कहेंगे, ‘आमीन!’*) 2 इतिहास 11:15 पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद 15 फिर यारोबाम ने खुद ही कुछ आदमियों को अपनी बनायी ऊँची जगहों के लिए और दुष्ट स्वर्गदूतों*+ और बछड़ों+ की सेवा के लिए याजक ठहरा दिया।+
15 ‘शापित है वह इंसान जो मूरत तराशता है+ या धातु की मूरत* बनाता है+ और उसे छिपाकर रखता है, क्योंकि कारीगर* के हाथ की ऐसी रचना यहोवा की नज़र में घिनौनी है।’+ (तब जवाब में सब लोग कहेंगे, ‘आमीन!’*)
15 फिर यारोबाम ने खुद ही कुछ आदमियों को अपनी बनायी ऊँची जगहों के लिए और दुष्ट स्वर्गदूतों*+ और बछड़ों+ की सेवा के लिए याजक ठहरा दिया।+