17गिलाद+ के तिशबे के रहनेवाले एलियाह*+ ने अहाब से कहा, “इसराएल के परमेश्वर यहोवा के जीवन की शपथ, जिसकी मैं सेवा करता हूँ,* अब से आनेवाले सालों में देश में न ओस की बूँदें गिरेंगी, न बारिश होगी! जब तक मैं न कहूँ, तब तक ऐसा ही रहेगा।”+
36 शाम का अनाज का चढ़ावा अर्पित करने का समय हो गया था।+ भविष्यवक्ता एलियाह वेदी के पास आया और उसने कहा, “हे यहोवा, अब्राहम, इसहाक और इसराएल के परमेश्वर,+ आज तू यह ज़ाहिर कर दे कि इसराएल में तू ही परमेश्वर है और मैं तेरा सेवक हूँ और तेरे आदेश पर ही मैंने यह सब किया है।+