32 लेवियों का मुख्य प्रधान हारून याजक का बेटा एलिआज़र था।+ वह उन सभी आदमियों की निगरानी करनेवाला था जो पवित्र जगह से जुड़ी अलग-अलग ज़िम्मेदारियाँ सँभालते थे।
11 “हारून याजक के पोते यानी एलिआज़र के बेटे फिनेहास+ ने इसराएल से मेरा क्रोध दूर किया है, क्योंकि उसे यह हरगिज़ बरदाश्त नहीं हुआ कि लोग मेरे सिवा किसी और की उपासना करें।+ अगर वह ऐसा नहीं करता तो मैं इसराएलियों को मिटा देता, क्योंकि मेरी यह माँग है कि सिर्फ मेरी भक्ति की जाए।+
13 मैं उससे यह करार करता हूँ कि याजकपद हमेशा के लिए उसका और उसके बाद उसकी संतान का रहेगा,+ क्योंकि उसे यह हरगिज़ बरदाश्त नहीं हुआ कि उसके परमेश्वर को छोड़ किसी और की उपासना की जाए+ और उसने इसराएल के लोगों के लिए प्रायश्चित किया है।”
30 जब याजक फिनेहास और मंडली के प्रधानों ने, जो हज़ारों इसराएलियों से बने अलग-अलग कुल के मुखिया थे रूबेन, गाद और मनश्शे के वंशजों की यह बात सुनी तो उन्हें तसल्ली हुई।+
28 और हारून का पोता और एलिआज़र का बेटा, फिनेहास+ संदूक के सामने सेवा करता* था। इसराएलियों ने पूछा, “क्या हम बिन्यामीन के अपने भाइयों से फिर युद्ध करने जाएँ?”+ यहोवा का जवाब था, “हाँ, जाओ। क्योंकि कल मैं उन्हें तुम्हारे हाथ कर दूँगा।”