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2 शमूएल 24:10-14पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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10 मगर लोगों की गिनती लेने के बाद दाविद का मन* उसे बुरी तरह कचोटने लगा।+ दाविद ने यहोवा से कहा, “मैंने लोगों की गिनती लेकर बहुत बड़ा पाप किया है।+ हे यहोवा, दया करके अपने सेवक को माफ कर दे।+ मैंने बड़ी मूर्खता का काम किया है।”+ 11 जब सुबह दाविद उठा तो यहोवा का संदेश भविष्यवक्ता गाद+ के पास पहुँचा, जो दाविद का दर्शी था। 12 परमेश्वर ने उससे कहा, “दाविद के पास जा और उससे कह, ‘यहोवा तुझसे कहता है, “मैं तुझे तीन तरह के कहर बताता हूँ। तू चुन ले कि मैं तुझ पर कौन-सा कहर ढाऊँ।”’”+ 13 तब गाद ने दाविद के पास जाकर कहा, “तू क्या चाहता है, तेरे देश पर सात साल तक अकाल पड़े+ या तीन महीने तक तेरे दुश्मन तेरा पीछा करते रहें और तू उनसे भागता फिरे+ या तीन दिन तक तेरे देश में महामारी फैले?+ अच्छी तरह सोचकर बता कि मैं अपने भेजनेवाले को क्या जवाब दूँ।” 14 दाविद ने गाद से कहा, “मैं बड़े संकट में हूँ। अच्छा है कि हम यहोवा ही के हाथ पड़ जाएँ+ क्योंकि वह बड़ा दयालु है।+ मगर मुझे इंसान के हाथ न पड़ने दे।”+
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