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1 राजा 7:15-22पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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15 उसने ताँबे के दो खंभे ढालकर बनाए।+ हर खंभे की ऊँचाई 18 हाथ और गोलाई 12 हाथ थी।*+ 16 उसने दोनों खंभों के ऊपर लगाने के लिए ताँबे के दो कंगूरे ढालकर बनाए। दोनों कंगूरों की ऊँचाई पाँच-पाँच हाथ थी। 17 हर कंगूरे पर जालीदार काम किया गया और उस पर गुंथी हुई ज़ंजीरें सजायी गयीं। दोनों कंगूरों के लिए सात-सात जालियाँ बनायी गयी थीं।+ 18 उसने हर कंगूरे के जालीदार काम पर दो कतारों में अनार बनाए और इस तरह कंगूरे को सजाया। 19 बरामदे के पासवाले खंभों के कंगूरों का आकार सोसन के फूल जैसा था जिनकी ऊँचाई चार हाथ थी। 20 कंगूरों के ये हिस्से दोनों खंभों के ऊपर थे और उनका निचला हिस्सा उभरा हुआ था जिस पर जालीदार काम किया हुआ था। और हर कंगूरे पर चारों तरफ कतारों में जो अनार बनाए गए थे उनकी गिनती 200 थी।+
21 उसने मंदिर* के बरामदे के बाहर ये खंभे खड़े किए।+ उसने एक खंभा दायीं* तरफ खड़ा किया और उसे याकीन* नाम दिया और दूसरा खंभा बायीं* तरफ खड़ा किया और उसे बोअज़* नाम दिया।+ 22 खंभों के ऊपर का आकार सोसन के फूल जैसा था। इस तरह उसने खंभों का काम पूरा किया।
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2 इतिहास 4:11-13पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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11 हीराम ने हंडियाँ, बेलचे और कटोरे भी बनाए।+
इस तरह हीराम ने सच्चे परमेश्वर के भवन के लिए वह सारा काम पूरा किया जो राजा सुलैमान ने उसे दिया था। उसने यह सब बनाया:+ 12 दो खंभे+ और उनके ऊपर दो कटोरानुमा कंगूरे, कंगूरों की सजावट के लिए दो-दो जालीदार काम,+ 13 दोनों जालीदार काम के लिए 400 अनार,+ यानी हर जालीदार काम के लिए दो कतारों में अनार जिससे दोनों खंभों पर कटोरानुमा कंगूरे ढक जाएँ,+
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