33 उसने मंदिर* के प्रवेश के लिए भी इसी तरह चीड़ की लकड़ी से फाटक के बाज़ू बनाए जो चौथे हिस्से* के थे। 34 उसने फाटक के दोनों किवाड़ सनोवर की लकड़ी के बनाए। हर किवाड़ के दो पल्ले थे जो चूलों पर मुड़कर दोहरे हो जाते थे।+
24 यही नहीं, आहाज ने सच्चे परमेश्वर के भवन की चीज़ें इकट्ठी कीं और उनके टुकड़े-टुकड़े कर डाले,+ यहोवा के भवन के दरवाज़े बंद कर दिए+ और यरूशलेम के हर कोने में अपने लिए वेदियाँ खड़ी कर दीं।