5 “तू मेरे लोगों के अगुवे हिजकियाह के पास वापस जा और उससे कह, ‘तेरे पुरखे दाविद के परमेश्वर यहोवा ने कहा है, “मैंने तेरी प्रार्थना सुनी है, तेरे आँसू देखे हैं।+ मैं तेरी बीमारी दूर कर दूँगा।+ तीसरे दिन तू यहोवा के भवन में जाएगा।+
9 यशायाह ने उससे कहा, “यहोवा की तरफ से तेरे लिए यह निशानी होगी जिससे तू यकीन करे कि यहोवा ने जो कहा है उसे वह पूरा भी करेगा: तू क्या चाहता है, सीढ़ियों* पर छाया दस कदम आगे बढ़े या दस कदम पीछे जाए?”+
31 मगर जब बैबिलोन के हाकिमों के दूतों को हिजकियाह के देश में देखी गयी निशानी+ के बारे में पूछने के लिए उसके पास भेजा गया,+ तो सच्चे परमेश्वर ने उसे छोड़ दिया ताकि उसे परखकर जाने कि उसके दिल में क्या है।+
8 आहाज की सीढ़ियों* पर ढलते सूरज की जो छाया आगे बढ़ चुकी है वह दस कदम पीछे हो जाएगी।”’”+ तब सीढ़ियों पर सूरज की जो छाया आगे बढ़ चुकी थी वह दस कदम पीछे चली गयी।