36 इसलिए देख, आज हम उसी देश में गुलाम हैं+ जो तूने हमारे पुरखों को दिया था ताकि वे यहाँ की पैदावार और बेहतरीन चीज़ों का मज़ा लें। 37 हमारे पापों की वजह से हमारे देश की भरपूर उपज वे राजा खा रहे हैं, जिनके अधीन तूने हमें कर दिया है।+ वे हम पर, हमारे मवेशियों पर मनमाना राज करते हैं। हम बहुत दुखी हैं।