32इस बीच जब लोगों ने देखा कि मूसा पहाड़ से नीचे आने में देर लगा रहा है,+ तो वे सब हारून के पास जमा हो गए और उससे कहने लगे, “पता नहीं उस मूसा का क्या हुआ, जो हमें मिस्र से निकालकर यहाँ ले आया था। इसलिए अब हमारी अगुवाई के लिए तू एक देवता बना दे।”+
4 हारून ने वह सोना लिया और नक्काशी करनेवाले औज़ार से एक बछड़े की मूरत* तैयार की।+ फिर लोग कहने लगे, “हे इसराएल, यही तेरा परमेश्वर है जो तुझे मिस्र देश से बाहर ले आया है।”+