14 तब अबशालोम और इसराएल के सभी आदमियों ने कहा, “एरेकी हूशै की सलाह अहीतोपेल की सलाह से ज़्यादा अच्छी है!”+ ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यहोवा ने ठान लिया था* कि वह अहीतोपेल की बढ़िया सलाह को नाकाम कर देगा+ ताकि यहोवा अबशालोम पर कहर ढा सके।+
25 उस वक्त यीशु ने कहा, “हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के मालिक, मैं सबके सामने तेरी बड़ाई करता हूँ कि तूने ये बातें बुद्धिमानों और ज्ञानियों से तो छिपाए रखीं, मगर नन्हे-मुन्नों पर प्रकट की हैं।+