20 जब मैं उन्हें उस देश में ले जाऊँगा जहाँ दूध और शहद की धाराएँ बहती हैं,+ ठीक जैसे मैंने उनके पुरखों से शपथ खायी थी+ और वहाँ जब उनके पास खाने-पीने की कोई कमी नहीं होगी और वे फूलेंगे-फलेंगे*+ तो वे दूसरे देवताओं की तरफ फिरकर उनकी सेवा करेंगे। वे मेरा अनादर करेंगे और मेरा करार तोड़ देंगे।+
32 वह उस करार जैसा नहीं होगा जो मैंने उनके पुरखों के साथ उस दिन किया था जब मैं उन्हें हाथ पकड़कर मिस्र से निकाल लाया था।+ यहोवा ऐलान करता है, ‘मैं उनका सच्चा मालिक* था, फिर भी उन्होंने मेरा करार तोड़ दिया।’”+