वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • यिर्मयाह 31
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

यिर्मयाह का सारांश

      • इसराएल के बचे हुए देश में दोबारा बसेंगे (1-30)

        • राहेल अपने बच्चों के लिए रो रही है (15)

      • एक नया करार (31-40)

यिर्मयाह 31:1

संबंधित आयतें

  • +लैव 26:12; यिर्म 30:22; 31:33

यिर्मयाह 31:3

फुटनोट

  • *

    या “मैं तुझे अपने अटल प्यार का सबूत देता रहा।”

संबंधित आयतें

  • +व्य 7:8

यिर्मयाह 31:4

फुटनोट

  • *

    या “हँसनेवालों की तरह नाचती हुई निकलेगी।”

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 33:7; आम 9:11
  • +यिर्म 30:18, 19

यिर्मयाह 31:5

संबंधित आयतें

  • +आम 9:14; मी 4:4
  • +व्य 30:9; यश 65:21, 22

यिर्मयाह 31:6

संबंधित आयतें

  • +यश 2:3; यिर्म 50:4, 5

यिर्मयाह 31:7

संबंधित आयतें

  • +व्य 32:43; यश 44:23
  • +यश 1:9; यिर्म 23:3; योए 2:32

यिर्मयाह 31:8

संबंधित आयतें

  • +यश 43:6; यिर्म 3:12
  • +व्य 30:4; यहे 20:34; 34:12
  • +यश 35:6; 42:16
  • +एज 2:1, 64

यिर्मयाह 31:9

फुटनोट

  • *

    या “घाटियों।”

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 50:4
  • +यश 35:7; 49:10
  • +उत 48:14; निर्ग 4:22

यिर्मयाह 31:10

संबंधित आयतें

  • +यश 11:11; 42:10
  • +यश 40:11; यहे 34:11-13; मी 2:12

यिर्मयाह 31:11

फुटनोट

  • *

    या “वापस पा लेगा।”

संबंधित आयतें

  • +यश 44:23; 48:20
  • +यश 49:25

यिर्मयाह 31:12

फुटनोट

  • *

    या “उन्हें यहोवा से अच्छी चीज़ें मिलेंगी।”

संबंधित आयतें

  • +एज 3:13; भज 126:1; यश 51:11
  • +योए 3:18
  • +यश 65:10
  • +यश 58:11
  • +यश 35:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के करीब, पेज 278

यिर्मयाह 31:13

संबंधित आयतें

  • +जक 8:4
  • +एज 3:12
  • +यश 51:3; 65:19

यिर्मयाह 31:14

फुटनोट

  • *

    शा., “चिकना खाना।”

संबंधित आयतें

  • +व्य 30:9; यश 63:7

यिर्मयाह 31:15

फुटनोट

  • *

    या “बच्चों।”

संबंधित आयतें

  • +यह 18:21, 25; यिर्म 40:1
  • +विल 1:16
  • +मत 2:16-18

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए, लेख 146

    यीशु—राह, पेज 24

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2014, पेज 21

    8/15/2011, पेज 10

यिर्मयाह 31:16

संबंधित आयतें

  • +एज 1:5; यिर्म 23:3; यहे 11:17; हो 1:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2014, पेज 21

यिर्मयाह 31:17

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 29:11
  • +यिर्म 46:27

यिर्मयाह 31:18

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/2012, पेज 26-27

यिर्मयाह 31:19

संबंधित आयतें

  • +व्य 30:1-3
  • +एज 9:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/2012, पेज 27

यिर्मयाह 31:20

फुटनोट

  • *

    शा., “अंतड़ियाँ।”

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 31:9; हो 14:4
  • +हो 11:8
  • +व्य 32:36; मी 7:18

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/1/1994, पेज 6

यिर्मयाह 31:21

संबंधित आयतें

  • +यश 62:10
  • +यश 35:8

यिर्मयाह 31:23

संबंधित आयतें

  • +यश 1:26
  • +जक 8:3

यिर्मयाह 31:24

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 33:12; यहे 36:10, 11

यिर्मयाह 31:25

संबंधित आयतें

  • +भज 107:9

यिर्मयाह 31:27

फुटनोट

  • *

    या “संतान।”

संबंधित आयतें

  • +व्य 30:9; यहे 36:9; हो 2:23

यिर्मयाह 31:28

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 44:27; 45:4
  • +भज 102:16; 147:2; यिर्म 24:6

यिर्मयाह 31:29

संबंधित आयतें

  • +यहे 18:2-4

यिर्मयाह 31:31

संबंधित आयतें

  • +मत 26:27, 28; लूक 22:20; 1कुर 11:25; इब्र 8:8-12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2010, पेज 26-27

    2/1/1998, पेज 12-13

    2/1/1990, पेज 18-19, 32

    8/1/1986, पेज 20-21

यिर्मयाह 31:32

फुटनोट

  • *

    या शायद, “उनका पति।”

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 19:5
  • +यहे 16:59

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/1998, पेज 12-13

यिर्मयाह 31:33

संबंधित आयतें

  • +यहे 11:19
  • +इब्र 10:16
  • +यिर्म 24:7; 30:22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/2007, पेज 11

    3/15/1998, पेज 13-14

    2/1/1998, पेज 15, 19-20

यिर्मयाह 31:34

संबंधित आयतें

  • +यश 54:13; यूह 17:3
  • +यश 11:9; हब 2:14
  • +यिर्म 33:8; 50:20; मत 26:27, 28; इब्र 8:10-12; 9:15; 10:17

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के करीब, पेज 265-267

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/1998, पेज 15-16, 19-20

    12/1/1997, पेज 12-13

    2/1/1990, पेज 18-19

    8/1/1986, पेज 20-21

यिर्मयाह 31:35

फुटनोट

  • *

    या “की विधियाँ ठहरायीं।”

संबंधित आयतें

  • +यश 51:15

यिर्मयाह 31:36

संबंधित आयतें

  • +यश 54:10; यिर्म 33:20, 21

यिर्मयाह 31:37

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 30:11

यिर्मयाह 31:38

संबंधित आयतें

  • +नहे 3:1; जक 14:10
  • +2इत 26:9
  • +नहे 12:27; यश 44:28; यिर्म 30:18

यिर्मयाह 31:39

संबंधित आयतें

  • +जक 1:16

यिर्मयाह 31:40

फुटनोट

  • *

    यानी बलिदान में जलाए गए जानवरों की पिघली चरबी से भीगी राख।

संबंधित आयतें

  • +2शम 15:23; 2रा 23:6; यूह 18:1
  • +नहे 3:28
  • +योए 3:17

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

यिर्म. 31:1लैव 26:12; यिर्म 30:22; 31:33
यिर्म. 31:3व्य 7:8
यिर्म. 31:4यिर्म 33:7; आम 9:11
यिर्म. 31:4यिर्म 30:18, 19
यिर्म. 31:5आम 9:14; मी 4:4
यिर्म. 31:5व्य 30:9; यश 65:21, 22
यिर्म. 31:6यश 2:3; यिर्म 50:4, 5
यिर्म. 31:7व्य 32:43; यश 44:23
यिर्म. 31:7यश 1:9; यिर्म 23:3; योए 2:32
यिर्म. 31:8यश 43:6; यिर्म 3:12
यिर्म. 31:8व्य 30:4; यहे 20:34; 34:12
यिर्म. 31:8यश 35:6; 42:16
यिर्म. 31:8एज 2:1, 64
यिर्म. 31:9यिर्म 50:4
यिर्म. 31:9यश 35:7; 49:10
यिर्म. 31:9उत 48:14; निर्ग 4:22
यिर्म. 31:10यश 11:11; 42:10
यिर्म. 31:10यश 40:11; यहे 34:11-13; मी 2:12
यिर्म. 31:11यश 44:23; 48:20
यिर्म. 31:11यश 49:25
यिर्म. 31:12एज 3:13; भज 126:1; यश 51:11
यिर्म. 31:12योए 3:18
यिर्म. 31:12यश 65:10
यिर्म. 31:12यश 58:11
यिर्म. 31:12यश 35:10
यिर्म. 31:13जक 8:4
यिर्म. 31:13एज 3:12
यिर्म. 31:13यश 51:3; 65:19
यिर्म. 31:14व्य 30:9; यश 63:7
यिर्म. 31:15यह 18:21, 25; यिर्म 40:1
यिर्म. 31:15विल 1:16
यिर्म. 31:15मत 2:16-18
यिर्म. 31:16एज 1:5; यिर्म 23:3; यहे 11:17; हो 1:11
यिर्म. 31:17यिर्म 29:11
यिर्म. 31:17यिर्म 46:27
यिर्म. 31:19व्य 30:1-3
यिर्म. 31:19एज 9:6
यिर्म. 31:20यिर्म 31:9; हो 14:4
यिर्म. 31:20हो 11:8
यिर्म. 31:20व्य 32:36; मी 7:18
यिर्म. 31:21यश 62:10
यिर्म. 31:21यश 35:8
यिर्म. 31:23यश 1:26
यिर्म. 31:23जक 8:3
यिर्म. 31:24यिर्म 33:12; यहे 36:10, 11
यिर्म. 31:25भज 107:9
यिर्म. 31:27व्य 30:9; यहे 36:9; हो 2:23
यिर्म. 31:28यिर्म 44:27; 45:4
यिर्म. 31:28भज 102:16; 147:2; यिर्म 24:6
यिर्म. 31:29यहे 18:2-4
यिर्म. 31:31मत 26:27, 28; लूक 22:20; 1कुर 11:25; इब्र 8:8-12
यिर्म. 31:32निर्ग 19:5
यिर्म. 31:32यहे 16:59
यिर्म. 31:33यहे 11:19
यिर्म. 31:33इब्र 10:16
यिर्म. 31:33यिर्म 24:7; 30:22
यिर्म. 31:34यश 54:13; यूह 17:3
यिर्म. 31:34यश 11:9; हब 2:14
यिर्म. 31:34यिर्म 33:8; 50:20; मत 26:27, 28; इब्र 8:10-12; 9:15; 10:17
यिर्म. 31:35यश 51:15
यिर्म. 31:36यश 54:10; यिर्म 33:20, 21
यिर्म. 31:37यिर्म 30:11
यिर्म. 31:38नहे 3:1; जक 14:10
यिर्म. 31:382इत 26:9
यिर्म. 31:38नहे 12:27; यश 44:28; यिर्म 30:18
यिर्म. 31:39जक 1:16
यिर्म. 31:402शम 15:23; 2रा 23:6; यूह 18:1
यिर्म. 31:40नहे 3:28
यिर्म. 31:40योए 3:17
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • 6
  • 7
  • 8
  • 9
  • 10
  • 11
  • 12
  • 13
  • 14
  • 15
  • 16
  • 17
  • 18
  • 19
  • 20
  • 21
  • 22
  • 23
  • 24
  • 25
  • 26
  • 27
  • 28
  • 29
  • 30
  • 31
  • 32
  • 33
  • 34
  • 35
  • 36
  • 37
  • 38
  • 39
  • 40
पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
यिर्मयाह 31:1-40

यिर्मयाह

31 यहोवा ऐलान करता है, “उस वक्‍त मैं इसराएल के सभी घरानों का परमेश्‍वर बनूँगा और वे मेरे लोग बनेंगे।”+

 2 यहोवा कहता है,

“जो लोग तलवार से बच गए उन्होंने वीराने में परमेश्‍वर की कृपा पायी,

जब इसराएल अपनी विश्राम की जगह के लिए सफर कर रहा था।”

 3 दूर से यहोवा मेरे पास आया और मुझसे कहा,

“मैं हमेशा से तुझसे प्यार करता आया हूँ।

इसलिए मैंने अटल प्यार से तुझे अपनी तरफ खींचा है।*+

 4 मैं एक बार फिर तुझे बनाऊँगा और तू दोबारा बनायी जाएगी।+

हे इसराएल की कुँवारी बेटी, तू फिर से अपनी डफलियाँ हाथ में लेगी

और खुशी से नाचती हुई निकलेगी।*+

 5 तू सामरिया के पहाड़ों पर फिर से अंगूरों के बाग लगाएगी,+

उन्हें लगानेवाले उनके फलों का आनंद उठाएँगे।+

 6 क्योंकि वह दिन ज़रूर आएगा जब एप्रैम के पहाड़ों पर पहरेदार पुकारेंगे,

‘चलो, हम अपने परमेश्‍वर यहोवा के पास ऊपर सिय्योन चलें।’”+

 7 क्योंकि यहोवा कहता है,

“याकूब के लिए खुशी के नारे लगाओ।

खुशी से जयजयकार करो क्योंकि तुम सब राष्ट्रों के ऊपर हो।+

इसका ऐलान करो, परमेश्‍वर की तारीफ करो और कहो,

‘हे यहोवा, अपने लोगों का, इसराएल के बचे हुओं का उद्धार कर।’+

 8 मैं उन्हें उत्तर के देश से वापस ला रहा हूँ।+

मैं उन्हें धरती के छोर से इकट्ठा करूँगा।+

उनमें अंधे, लँगड़े,+ गर्भवती औरतें और वे औरतें भी होंगी,

जिनकी प्रसव-पीड़ा शुरू हो चुकी है, वे सब मिलकर आएँगे।

उनकी बड़ी मंडली लौट आएगी।+

 9 वे रोते हुए आएँगे।+

वे रहम की भीख माँगते हुए आएँगे और मैं उन्हें रास्ता दिखाऊँगा।

मैं उन्हें पानी की धाराओं* के पास ले चलूँगा,+

उन्हें समतल रास्ते से ले जाऊँगा ताकि वे ठोकर न खाएँ।

क्योंकि मैं इसराएल का पिता हूँ, एप्रैम मेरा पहलौठा है।”+

10 राष्ट्रो, तुम यहोवा का संदेश सुनो,

दूर-दराज़ के द्वीपों में इसका ऐलान करो:+

“जिसने इसराएल को तितर-बितर कर दिया था, वही उसे इकट्ठा करेगा।

वह उस पर ऐसे नज़र रखेगा जैसे चरवाहा अपने झुंड पर नज़र रखता है।+

11 क्योंकि यहोवा याकूब को छुड़ा लेगा,*+

उसके हाथ से, जो याकूब से भी ताकतवर है।+

12 वे आएँगे और सिय्योन की चोटी पर खुशी से जयजयकार करेंगे,+

उनके चेहरे दमक उठेंगे क्योंकि यहोवा उनके साथ भलाई करेगा,*

उन्हें अनाज, नयी दाख-मदिरा+ और तेल देगा,

उनकी भेड़-बकरियों और मवेशियों के बहुत-से बच्चे होंगे।+

वे अच्छी तरह सिंचे हुए बाग की तरह होंगे+

और फिर कभी कमज़ोर नहीं होंगे।”+

13 “उस वक्‍त कुँवारियाँ खुशी से नाचेंगी,

जवान और बूढ़े आदमी भी नाचेंगे।+

मैं उनके मातम को जश्‍न में बदल दूँगा।+

मैं उन्हें दिलासा दूँगा, उनका शोक दूर करके उन्हें खुशी दूँगा।+

14 मैं याजकों को भरपूर चीज़ें* देकर संतुष्ट करूँगा,

मैं अपने लोगों को जो अच्छी चीज़ें दूँगा, उनसे वे संतुष्ट होंगे।”+ यहोवा का यह ऐलान है।

15 “यहोवा कहता है,

‘रामाह+ में विलाप करने और बिलख-बिलखकर रोने की आवाज़ें सुनायी दे रही हैं,

राहेल अपने बेटों* के लिए रो रही है।+

उसे कितना भी दिलासा दिया जाए वह शांत नहीं होती

क्योंकि वे अब नहीं रहे।’”+

16 यहोवा कहता है,

“‘अब और मत रो, अपने आँसू पोंछ ले,

क्योंकि तुझे अपने कामों का इनाम मिलनेवाला है।

वे दुश्‍मन के देश से लौट आएँगे।’ यहोवा का यह ऐलान है।+

17 यहोवा ऐलान करता है, ‘तेरा भविष्य उज्ज्वल होगा,+

तेरे बेटे अपने इलाके में लौट आएँगे।’”+

18 “मैंने बेशक एप्रैम का विलाप सुना है,

‘तूने मुझे सुधारा और मैंने अपने अंदर सुधार किया,

मैं ऐसे बछड़े की तरह था जिसे हल चलाने के लिए सधाया नहीं गया।

मुझे फेर दे, मैं फौरन फिर जाऊँगा,

क्योंकि तू मेरा परमेश्‍वर यहोवा है।

19 पलटकर आने के बाद मुझे बड़ा पछतावा हुआ,+

जब मुझे समझाया गया, तब मैंने दुख के मारे अपनी जाँघ पीटी।

जवानी में मैंने जो किया था,

उसकी वजह से मैं शर्मिंदा हुआ, मैंने नीचा महसूस किया।’”+

20 यहोवा ऐलान करता है, “क्या एप्रैम मेरा प्यारा बेटा नहीं, मेरा दुलारा नहीं?+

मैं उसके खिलाफ जितनी बार बोलता हूँ, उतनी बार उसे याद भी करता हूँ।

यही वजह है कि उसके लिए मेरी भावनाएँ* उमड़ आती हैं।+

मैं उस पर ज़रूर तरस खाऊँगा।”+

21 “तू अपने लिए रास्ते में चिन्ह लगा ले,

झंडे खड़े कर।+

राजमार्ग को ध्यान से देख, उस रास्ते को जहाँ से तुझे जाना है।+

इसराएल की कुँवारी बेटी, अपने इन शहरों में लौट आ।

22 विश्‍वासघाती बेटी, तू कब तक भटकती रहेगी?

यहोवा ने धरती पर एक नयी चीज़ की सृष्टि की है:

एक औरत बड़ी बेताबी से आदमी के पीछे पड़ जाएगी।”

23 सेनाओं का परमेश्‍वर और इसराएल का परमेश्‍वर यहोवा कहता है, “जब मैं बंदी बनाए गए लोगों को इकट्ठा करके वापस लाऊँगा, तो उनके यहूदा देश में और उसके शहरों में फिर से यह कहा जाएगा, ‘हे नेकी के निवास,+ हे पवित्र पहाड़,+ यहोवा तुझे आशीष दे।’ 24 और वहाँ यहूदा और उसके सारे शहर, किसान और चरवाहे, सब साथ रहेंगे।+ 25 मैं थके-हारों को संतुष्ट करूँगा और कमज़ोरों को चुस्त-दुरुस्त कर दूँगा।”+

26 इस पर मेरी आँख खुल गयी और मैं जाग गया। मैं मीठी नींद सोया था।

27 यहोवा ऐलान करता है, “देख! वे दिन आ रहे हैं जब मैं इसराएल के घराने और यहूदा के घराने में इंसान का बीज* और मवेशियों का बीज बोऊँगा।”+

28 यहोवा ऐलान करता है, “जिस तरह मैं उन्हें जड़ से उखाड़ने, गिराने, ढाने, नाश करने और नुकसान पहुँचाने के लिए उन पर नज़र रखे हुए था,+ उसी तरह मैं उन्हें बनाने और लगाने के लिए भी उन पर नज़र रखूँगा।+ 29 उन दिनों वे यह बात फिर कभी नहीं कहेंगे, ‘खट्टे अंगूर खाए पिताओं ने, मगर दाँत खट्टे हुए बेटों के।’+ 30 इसके बजाय हर कोई अपने ही गुनाह के लिए मरेगा। जो कोई खट्टे अंगूर खाएगा, उसी के दाँत खट्टे होंगे।”

31 यहोवा ऐलान करता है, “देख! वे दिन आ रहे हैं जब मैं इसराएल के घराने और यहूदा के घराने के साथ एक नया करार करूँगा।+ 32 वह उस करार जैसा नहीं होगा जो मैंने उनके पुरखों के साथ उस दिन किया था जब मैं उन्हें हाथ पकड़कर मिस्र से निकाल लाया था।+ यहोवा ऐलान करता है, ‘मैं उनका सच्चा मालिक* था, फिर भी उन्होंने मेरा करार तोड़ दिया।’”+

33 यहोवा ऐलान करता है, “उन दिनों के बाद मैं इसराएल के घराने के साथ यही करार करूँगा। मैं अपना कानून उनके अंदर डालूँगा+ और उनके दिलों पर लिखूँगा।+ मैं उनका परमेश्‍वर होऊँगा और वे मेरे लोग होंगे।”+

34 यहोवा ऐलान करता है, “इसके बाद फिर कभी कोई अपने पड़ोसी और भाई को यह कहकर नहीं सिखाएगा, ‘यहोवा को जान!’+ क्योंकि छोटे से लेकर बड़े तक, सब मुझे जानेंगे।+ मैं उनका गुनाह माफ करूँगा और उनका पाप फिर कभी याद नहीं करूँगा।”+

35 यहोवा जिसने दिन की रौशनी के लिए सूरज बनाया,

रात की रौशनी के लिए चाँद-सितारों के नियम ठहराए,*

जो समुंदर को झकझोरता है, लहरों को उछालता है,

जिसका नाम सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा है, वह कहता है:+

36 “‘जैसे ये कायदे-कानून कभी मिटते नहीं,

वैसे ही एक राष्ट्र के नाते इसराएल के वंशज मेरे सामने से कभी नहीं मिटेंगे।’ यहोवा का यह ऐलान है।”+

37 यहोवा कहता है, “‘जैसे ऊपर आकाश की नाप लेना और नीचे धरती की बुनियाद का पता लगाना नामुमकिन है, वैसे ही यह भी नामुमकिन है कि मैं इसराएल के सभी वंशजों को उनके कामों की वजह से ठुकरा दूँ।’ यहोवा का यह ऐलान है।”+

38 यहोवा ऐलान करता है, “देख! वे दिन आ रहे हैं जब हननेल मीनार+ से लेकर ‘कोनेवाले फाटक’+ तक यह शहर यहोवा के लिए बनाया जाएगा।+ 39 और नापने की डोरी+ सीधे गारेब की पहाड़ी तक और फिर वहाँ से घूमकर गोआ जाएगी। 40 और वह पूरी घाटी जहाँ लाशें और राख* पड़ी हैं, दूर किदरोन घाटी+ के सभी सीढ़ीदार खेत और पूरब की तरफ घोड़ा फाटक+ के कोने तक की सारी ज़मीन, ये सारे इलाके यहोवा के लिए पवित्र होंगे।+ वे फिर कभी जड़ से नहीं उखाड़े जाएँगे, न ही ढाए जाएँगे।”

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें