6 सुलैमान ने कहा, “तूने अपने सेवक, मेरे पिता दाविद से बहुत प्यार* किया क्योंकि वह हमेशा तेरे सामने सच्चाई, नेकी और मन की सीधाई से चलता रहा। तू आज भी उससे बहुत प्यार* करता है, इसीलिए तूने उसे एक बेटा दिया ताकि वह उसकी राजगद्दी पर बैठे।+
4 और अगर तू वह सब करेगा जिसकी मैंने तुझे आज्ञा दी है+ और मेरे नियम और न्याय-सिद्धांत मानेगा और इस तरह अपने पिता दाविद की तरह मेरे सामने सीधाई+ से और निर्दोष मन+ से चलेगा,+
5 यहोवा ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि दाविद ने परमेश्वर की नज़र में सही काम किए थे। उसने ज़िंदगी-भर परमेश्वर की सभी आज्ञाएँ मानीं, कभी उसके नियमों से नहीं हटा, बस एक बार हित्ती उरियाह के मामले में वह चूक गया था।+