भजन 52:1, 2 पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद 52 अरे दुष्ट, तू क्यों अपने बुरे कामों पर डींग मारता है?+ क्या तू जानता नहीं, परमेश्वर का अटल प्यार दिन-भर कायम रहता है?+ 2 तेरी ज़बान उस्तरे जैसी तेज़ है,+जो बुरा करने की साज़िशें रचती है, छल की बातें गढ़ती है।+ भजन 58:3, 4 पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद 3 दुष्ट लोग जन्म से ही भटके हुए* होते हैं,पैदाइश से ही टेढ़ी चाल चलते हैं, झूठे हैं। 4 उनकी बातें साँप के ज़हर की तरह हैं,+वे उस नाग की तरह बहरे हो गए हैं जो सुनना नहीं चाहता।
52 अरे दुष्ट, तू क्यों अपने बुरे कामों पर डींग मारता है?+ क्या तू जानता नहीं, परमेश्वर का अटल प्यार दिन-भर कायम रहता है?+ 2 तेरी ज़बान उस्तरे जैसी तेज़ है,+जो बुरा करने की साज़िशें रचती है, छल की बातें गढ़ती है।+
3 दुष्ट लोग जन्म से ही भटके हुए* होते हैं,पैदाइश से ही टेढ़ी चाल चलते हैं, झूठे हैं। 4 उनकी बातें साँप के ज़हर की तरह हैं,+वे उस नाग की तरह बहरे हो गए हैं जो सुनना नहीं चाहता।