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  • निर्गमन 30:34-36
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 34 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “तू बराबर माप में ये सारे इत्र लेना:+ नखी, बोल, गंधाबिरोजा और शुद्ध लोबान। 35 इन्हें मिलाकर धूप तैयार करना।+ मसालों का यह मिश्रण बहुत ही उम्दा तरीके से बना हो,* इसमें नमक मिला हो+ और यह शुद्ध और पवित्र हो। 36 तू इसमें से थोड़ा धूप अलग निकालकर महीन पीसना। फिर इस महीन धूप में से थोड़ा-सा धूप लेकर भेंट के तंबू में गवाही के संदूक के सामने डालना, जहाँ मैं तेरे सामने प्रकट होऊँगा। इस धूप को तुम लोग बहुत पवित्र मानना।

  • लूका 1:9, 10
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 9 याजकपद के रिवाज़ के मुताबिक जब धूप जलाने की उसकी बारी आयी,+ तो वह यहोवा* के मंदिर के अंदर गया।+ 10 धूप जलाने के वक्‍त, लोगों की सारी भीड़ बाहर प्रार्थना कर रही थी।

  • प्रकाशितवाक्य 5:8
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 8 और जब उसने वह खर्रा लिया तो उन चार जीवित प्राणियों और 24 प्राचीनों ने मेम्ने के सामने गिरकर प्रणाम किया।+ हर प्राचीन के पास एक सुरमंडल और सोने का एक कटोरा था जिसमें धूप भरा हुआ था। (इस धूप का मतलब है, पवित्र जनों की प्रार्थनाएँ।)+

  • प्रकाशितवाक्य 8:3, 4
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 3 फिर एक और स्वर्गदूत आया और वेदी के पास खड़ा हो गया।+ उसके हाथ में सोने का एक धूपदान था। उसे ढेर सारा धूप दिया गया+ ताकि वह उसे राजगद्दी के सामने, सोने की वेदी+ पर उस वक्‍त चढ़ाए जब सभी पवित्र जन प्रार्थनाएँ कर रहे होंगे। 4 और पवित्र जनों की प्रार्थनाओं के साथ स्वर्गदूत के हाथ से धूप का धुआँ उठकर परमेश्‍वर के सामने पहुँचा।+

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