12 अब हे इसराएलियो, तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुमसे क्या चाहता है?+ बस यही कि तुम अपने परमेश्वर यहोवा का डर मानो,+ हर बात में उसकी बतायी राह पर चलो,+ उससे प्यार करो, पूरे दिल और पूरी जान से अपने परमेश्वर यहोवा की सेवा करो+
16 तब यहोवा का डर माननेवाले एक-दूसरे से, हाँ, हर कोई अपने साथी से बात करने लगा और यहोवा ध्यान से उनकी सुनता रहा। और जो यहोवा का डर मानते हैं और उसके नाम के बारे में मनन करते हैं,*+ उन्हें याद रखने के लिए परमेश्वर के सामने एक किताब लिखी जाने लगी।+