128 सुखी है हर कोई जो यहोवा का डर मानता है,+
उसकी राहों पर चलता है।+
2 तू अपने हाथों की मेहनत का फल खाएगा,
तू सुखी रहेगा और खुशहाली का आनंद उठाएगा।+
3 तेरी पत्नी तेरे घर के अंदर अंगूर की फलती-फूलती बेल जैसी होगी,+
तेरे बेटे तेरी मेज़ के चारों तरफ जैतून के अंकुर जैसे होंगे।
4 देख! यहोवा का डर माननेवाला आदमी
इसी तरह आशीष पाएगा।+
5 यहोवा तुझे सिय्योन से आशीष देगा।
तुझे सारी ज़िंदगी यरूशलेम को फलता-फूलता देखने का मौका मिले,+