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2 शमूएल 15:32-34पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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32 जब दाविद पहाड़ की उस चोटी पर पहुँचा जहाँ लोग झुककर परमेश्वर को दंडवत करते थे, तो वहाँ एरेकी+ हूशै+ उससे मिलने आया। वह अपना चोगा फाड़े और सिर पर धूल डाले हुए था। 33 मगर दाविद ने उससे कहा, “अगर तू मेरे साथ घाटी पार करेगा तो मुझ पर एक बोझ बन जाएगा। 34 लेकिन अगर तू शहर लौट जाए और अबशालोम से कहे, ‘हे राजा मैं तेरा सेवक हूँ। कल तक मैं तेरे पिता का सेवक था, मगर आज मैं तेरा सेवक हूँ,’+ तब तू अहीतोपेल की सलाह नाकाम कर पाएगा।+
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