2 तब दाविद ने यहोवा से सलाह माँगी,+ “क्या मैं जाकर उन पलिश्तियों को मार डालूँ?” यहोवा ने दाविद से कहा, “हाँ जा, उन पलिश्तियों को मार डाल और कीला को उनके हाथ से छुड़ा ले।”
11 इसलिए हे यहोवा, अपने इस सेवक की बिनती पर कान लगा और उन सेवकों की प्रार्थना भी सुन जिन्हें तेरे नाम का डर मानने से खुशी मिलती है। अपने इस सेवक को आज कामयाबी दे। और राजा का दिल पिघला दे ताकि वह मुझ पर दया करे।”+