7 तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हें जो देश देगा, वहाँ अगर तुम्हारे शहर में कोई इसराएली भाई कंगाल हो जाता है तो तुम उसकी मदद करने से अपना हाथ मत खींच लेना और दिल कठोर न कर लेना।+8 इसके बजाय तू खुले हाथ उसे उधार* देना।+ वह अपनी ज़रूरत के हिसाब से तुझसे जितना भी उधार माँगे उसे ज़रूर देना।
15 अगर किसी भाई या बहन के पास कपड़े न हों और दो वक्त की रोटी भी न हो 16 और तुममें से कोई उससे कहे, “सलामत रहो, तुझे खाने-पहनने की कोई कमी न हो।” मगर तुम उसे कपड़ा और रोटी न दो तो इसका क्या फायदा?+