13 आसमान के नीचे जो कुछ होता है, उसका अध्ययन करने और बुद्धि से उसकी खोज करने में मैंने जी-जान लगा दी।+ यह बड़ा दुख देनेवाला काम है जो परमेश्वर ने इंसानों को दिया है और जिसमें वे लगे रहते हैं।
25 मैंने बुद्धि की खोज करने और उसे जानने-परखने में अपना मन लगाया। मैं जानना चाहता था कि जो कुछ होता है वह क्यों होता है। मैं समझना चाहता था कि आखिर मूर्खता बुरी क्यों है और पागलपन मूर्खता क्यों है।+