20 याद है, जब जेरह के बेटे आकान+ ने नाश के लायक ठहरायी चीज़ें चुराकर आज्ञा तोड़ी, तो परमेश्वर का क्रोध इसराएल की पूरी मंडली पर कितना भड़क उठा था।+ उसके गुनाह की वजह से न सिर्फ उसे बल्कि दूसरों को भी अपनी जान गँवानी पड़ी।”+
15 इस बात का खास ध्यान रखो कि तुममें से कोई भी परमेश्वर की महा-कृपा पाने से चूक न जाए ताकि तुम्हारे बीच कोई ज़हरीली जड़ न पैदा हो जो मुसीबत खड़ी करे और बहुत-से लोग उससे दूषित हो जाएँ।+