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सभोपदेशक 9:2, 3पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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2 सब लोगों का एक ही अंजाम होता है,+ फिर चाहे वे नेक हों या दुष्ट,+ अच्छे और पवित्र हों या अपवित्र, बलिदान चढ़ानेवाले हों या बलिदान न चढ़ानेवाले। अच्छे इंसान और पापी इंसान दोनों की एक ही दशा होती है। बिना सोचे-समझे शपथ खानेवाले का और सोच-समझकर शपथ खानेवाले का भी वही हाल होता है। 3 दुनिया में* होनेवाली यह बात बहुत दुख देती है कि सब इंसानों का एक ही अंजाम होता है,+ इसलिए उनके दिल में बुराई भरी रहती है। ज़िंदगी-भर उनके दिल में पागलपन छाया रहता है और फिर वे मर जाते हैं।*
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सभोपदेशक 9:11पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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11 मैंने दुनिया में* यह भी देखा है कि न तो सबसे तेज़ दौड़नेवाला दौड़ में हमेशा जीतता है, न वीर योद्धा लड़ाई में हमेशा जीतता है,+ न बुद्धिमान के पास हमेशा खाने को होता है, न अक्लमंद के पास हमेशा दौलत होती है+ और न ही ज्ञानी हमेशा कामयाब होता है।+ क्योंकि मुसीबत की घड़ी किसी पर भी आ सकती है और हादसा किसी के साथ भी हो सकता है।
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