श्रेष्ठगीत 4:1 पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद 4 “ओ मेरी सजनी, तू कितनी खूबसूरत है, तेरी खूबसूरती का जवाब नहीं! घूँघट से झाँकती तेरी आँखें फाख्ते जैसी हैं।तेरी ज़ुल्फें गिलाद के पहाड़ों से उतरती बकरियों के झुंड जैसी हैं।+ श्रेष्ठगीत 5:2 पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद 2 “मैं सो रही थी पर मेरा मन जाग रहा था।+ तभी मेरे साजन के दस्तक देने की आवाज़ आयी! ‘ओ मेरी बहन, मेरी सजनी,मेरी फाख्ता, मेरी बेदाग महबूबा,मेरे लिए दरवाज़ा खोल! ओस से मेरा सिर भीगा हुआ है,रात की नमी से मेरी लटें तर हैं।’+
4 “ओ मेरी सजनी, तू कितनी खूबसूरत है, तेरी खूबसूरती का जवाब नहीं! घूँघट से झाँकती तेरी आँखें फाख्ते जैसी हैं।तेरी ज़ुल्फें गिलाद के पहाड़ों से उतरती बकरियों के झुंड जैसी हैं।+
2 “मैं सो रही थी पर मेरा मन जाग रहा था।+ तभी मेरे साजन के दस्तक देने की आवाज़ आयी! ‘ओ मेरी बहन, मेरी सजनी,मेरी फाख्ता, मेरी बेदाग महबूबा,मेरे लिए दरवाज़ा खोल! ओस से मेरा सिर भीगा हुआ है,रात की नमी से मेरी लटें तर हैं।’+